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"अंधी"
नाराज़ और ख़फ़ा रहता हूँ तुमसे मैं आज कल तुम दिल मेरा जब मन चाहे तोड़ जो देती हो पर शिकायत भी क्या करू तुमसे आख़िर ये टूटा दिल कभी...
Jan 7, 20241 min read

परछाई
इक परछाई है धुंधली सी ख्वाबों में मेरे रोज़ वो आती है। हकीक़त न सही सपनों में ही बेचैन इस दिल को चैन-ओ-सुकून दे जाती है। न जाने कितने...
May 24, 20231 min read


सिफ़र
माँ की ममता मिली पिता का सहारा मिला भाईबहन का साथ मिला परायों में यार मिले दुश्मनों से वार मिले कभी फरेब, कभी प्यार तो कभी दुश्वार मिले...
May 23, 20231 min read


जो कुछ नहीं करते वो कमाल करते हैं।
सदियों से सोए हुए थे वीराने में आज जागे, नींद हराम करते हैं। जो कुछ नहीं करते वो कमाल करते हैं। उम्र है लड़ने झगड़ने की शांति से क्यों...
May 23, 20231 min read
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